मंगलवार, 25 नवंबर 2014

मेरा भोलापन लौटा दो..



















  • पीयूष द्विवेदी भारत 
ये ज्ञान-विज्ञान भी ले लो
ये मान-सम्मान भी ले लो
इस जहाँ का झूठा-मूठा
मेरा अभिमान भी ले लो
जहाँ जलन, क्रोध से मुक्त रहूँ, मुझे वो बचपन लौटा दो
मेरा भोलापन लौटा दो, मेरा भोलापन लौटा दो

मेरा ये रूप भी ले लो
शोहरत अनूप भी ले लो
इस उम्र की एक और देन
ये ह्रदय कुरूप भी ले लो
जहाँ दुश्मन-दोस्त बराबर हों, वो अपनापन लौटा दो
मेरा भोलापन लौटा दो, मेरा भोलापन लौटा दो

ये झूठ-फरेब भी ले लो
हर बात उरेब भी ले लो
किसी दूसरे का हक़ लेकर
भरी ये जेब भी ले लो
जहाँ झूठ-फरेब का नाम न हो, वो सच्चापन लौटा दो
मेरा भोलापन लौटा दो, मेरा भोलापन लौटा दो

ये हास-कुहास भी ले लो
ये जीवन ख़ास भी ले लो
इस बदन की अपराध भरी
हर इक सांस भी ले लो
जहाँ अपराध नहीं, गलती करते, वो लड़कपन लौटा दो
मेरा भोलापन लौटा दो, मेरा भोलापन लौटा दो

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें