- पीयूष द्विवेदी भारत
डीएनए |
दैनिक जागरण राष्ट्रीय |
इस
घुसपैठ के विषय में हमारी सेना और सियासी हुक्मरान भले ही पाकिस्तान की संलिप्तता
को अभी तक शक के घेरे में रखे हों, पर कुछ ऐसे सवाल हैं जो इस घुसपैठ में पाक सेना
की संलिप्तता को काफी हद तक पुख्ता करते हैं ! सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि बिना
पाकिस्तानी सेना की शह के कोई भी पाक सीमा से भारतीय सीमा में कैसे घुस सकता हैं ?
दूसरी चीज कि इन घुसपैठियों को रसद तथा लंबे समय तक भारतीय जवानों का सामना करने
के लिए गोली-बंदूकें कहाँ से प्राप्त हो रही थीं ? जाहिर है कि बगैर पाक सेना की
मदद के सिर्फ आतंकी संगठनों द्वारा इतने दिनों तक भारतीय सीमा में घुसकर भारतीय
फ़ौज का मुकाबला करना किसी लिहाज से संभव नही है ! अतः साफ़ है कि ये घुसपैठी पाक
सेना की शह पर ही भारतीय सीमा में घुसे थे और हो न हो इस घुसपैठ के पीछे इनका जरूर
कुछ बड़ा उद्देश्य था ! ये सुखद है कि देर से ही सही, हमारे जवानों के हौसले के आगे
इन घुसपैठियों के सारे नापाक इरादों ने दम तोड़ दिया और इनकी घुसपैठ की कोशिश नाकाम
हो गई ! पर एक बात ये भी है कि भले ही ये घुसपैठ नाकाम हो गई हो, पर इस घुसपैठ को
देखते हुए भविष्य में इस तरह की किसी गतिविधि से इंकार नही किया जा सकता ! इस नाते
आवश्यक है कि हमारी सेना इस विषय में अत्यंत सजग रहें और हमारे नेता भी इस विषय
में कुछ ठोस कदम उठाते हुए अपनी सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करें ! ध्यान रहे कि
पाकिस्तानी सेना द्वारा इससे पहले भी सीमा पर युद्ध विराम के उल्लंघन की हरकतें की
जाती रही हैं ! पर दुर्भाग्य कि पाकिस्तानी सेना की उन हरकतों को हमारे सियासी
तबके द्वारा कभी संजीदगी से नही लिया गया और बस इसी कारण आज ये इतनी बड़ी घुसपैठ
हुई ! अतः हमारे हुक्मरानों को चाहिए कि वो इस घुसपैठ से सबक लें और अपनी सीमा
सुरक्षा के प्रति सजग हों !
आज
जरूरत इस बात की है कि हमारी सेना और ख़ुफ़िया ब्यूरो आदि मिलकर इस घुसपैठ में
पाकिस्तानी भूमिका की गुप्त जांच करें और उसकी संलिप्तता पाए जाने पर उसे ससाक्ष्य
विश्व समुदाय के सामने पेश करते हुए उसकी नापाक हरकतों का कच्चा-चिठ्ठा विश्व
बिरादरी में खोले ! उल्लेखनीय होगा कि मुंबई हमलों से जुड़े तमाम सबूत हम अबतक
पाकिस्तान को सौप चुके हैं, पर इसका कोई सकारात्मक परिणाम नही निकला है ! लिहाजा
भारत को चाहिए कि वो उन सबूतों को विश्व समुदाय के समक्ष पेश करते हुए पाकिस्तान के
दोहरे चरित्र को उजागर करे ! साथ ही पाकिस्तान से किसी तरह की कोई भी बातचीत तबतक
न की जाए जबतक कि वो अपनी ज़मीन से हमारे खिलाफ चल रही आतंकी गतिविधियों पर विराम
लगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नही करता है ! हमारी कोशिश होनी चाहिए कि पाकिस्तान
पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा दबाव बने कि वो अपनी ज़मीन पर, खासकर सीमा पर स्थित
आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को सैन्य कार्रवाई के द्वारा जल्द से जल्द नेस्तनाबूद करे
! क्योंकि अगर ऐसा हो जाता है तो फिर पाक प्रेरित आतंक के संबंध में भारत की चिंता
काफी हद तक कम हो जाएगी ! इन सब चीजों के क्रियान्वयन के बाद ही हम इस तरह की
घुसपैठों को रोक और सही मायने में अपनी सीमा को सुरक्षित मान सकते हैं ! वर्ना
बड़े-बड़े बयान देने से कुछ नही होने वाला ! बहरहाल, इन सभी चीजों के लिए आवश्यक है
कि हमारे सियासी हुक्मरान शांति के नाम पर हर समझौते के लिए तैयार रहने वाली अपनी
घिसी-पिटी सोच को छोड़कर दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए इन बातो के
क्रियान्वयन के लिए प्रयास करें ! क्योंकि बिना दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के इन सब
बातों का कोई विशेष अर्थ नही है !
True face
जवाब देंहटाएंशुक्रिया, आएशा !
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